जब तेरा नाम है ज़हम में तोह दिल तनहा क्यों है,
कहते हैं तेरे नूर से रोशन है जहाँ सारा
तोह बस मेरा एक दामन सूना क्यों हैं
चले जो राह पर तेरी उठा रहे हैं वोह ज़ख्म
और तेरे नाम पर चोट देने वालो पे तू मेहरबान क्यों है
मेरे दिल में बस एक आप हो साईं
फिर इस ज़माने में मुझे लेकर चर्चा क्यों हैं.
ॐ साईं राम