Thursday 24 November 2011

Mother


माँ मरियम आपकी करूणा से मैंने प्रेम है क्या यह जाना

आपके पावन स्पर्श का सुख हमने यह अब जाना

कितनी निर्मल है स्नेह कि गंगा जो आपमें बहती है

ऐसी सुन्दर प्यारी मूरत मेरे दिल में रहती है

मैंने जब सोचा माता का स्वरुप तो आपको ही पाया

सम्पूर्ण हो आप आपमें सारा प्यार समाया

मेरे को आपसे बहुत प्यार है माँ

मुझ अकिंचन को एक आपका ही स्नेह माँ


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